story of necessary

मनुष्य की जीवन काल में जरुरत ऐसी एक चीज है जो जन्म से लेके मारने के बाद भी खत्म नहीं होता।मनुष्य
अपना जीवन मे कुछ भी नही लाके आता परन्तु इस संसार मे आने के बाद, अपना जरूरत के हीसाब से कुछ ना कुछ करता रहता है ।जरूरत किसि भी इनसान को हैवान, ओर किसि हैवान को  इनसान, बना देता है। मन लीजिए किसी अदमी को भूख लगा तो बो  भूख के कारण किसी भी हद तक जा सकता है किंतु ।भूख के कारण बो कुछ अच्छा काम करेगा तो उसे जो कोई भि  लेक बुलायेगा कहना खालो बीटा ,जरूरत के साथ मनुष्य आगे बढ़ने की प्रेरणा पाता है। जरूरत के हिसाब से आदमी कोई नई चीजों का उद्भाबन करता है।

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